मेरी यूट्यूबर ननद

 


मेरी यूट्यूबर ननद:  लड़की ने घर का दिल जीत लिया

जब मेरी शादी हुई, तो सबने मुझे एक ही सलाह दी, "बाकी सब ठीक है, बस ननद से बचकर रहना।" मेरी ननद, रिया, उन सभी परिभाषाओं से बिल्कुल अलग थी जिनके बारे में मैंने सुन रखा था। वह न तो ताने मारती थी और न ही चुगलियाँ करती थी। उसकी दुनिया तो बस उसके फ़ोन, कैमरे और रिंग लाइट में सिमटी हुई थी। रिया एक फ़ैशन और लाइफ़स्टाइल ब्लॉगर और यूट्यूबर थी।

शुरुआत में मुझे उसका यह काम बहुत अजीब लगता था। घर में कोई भी छोटी-सी घटना होती, रिया का कैमरा ऑन हो जाता। "हे गाइज़, वेलकम बैक टू माय चैनल! आज भाभी पहली बार हलवा बना रही हैं, चलिए देखते हैं कैसा बनता है।" मैं रसोई में असहज हो जाती, मुझे लगता जैसे हज़ारों आँखें मुझे देख रही हैं। वह अक्सर अपने वीडियो में कहती, "#NewBride #KitchenDiaries #IndianFamily"।

मेरी सास, यानी रिया की माँ, भी अक्सर नाराज़ रहतीं। "दिन भर इस डब्बे (फ़ोन) में मुँह दिए रहती है। घर के काम में हाथ बंटाने को कहो, तो कहती है, 'मम्मा, मैं कॉन्टेंट बना रही हूँ'।"

मुझे धीरे-धीरे लगने लगा कि रिया सिर्फ अपनी 'लाइक्स और कमेंट्स' की दुनिया में जीती है। उसे घर के लोगों की भावनाओं से कोई मतलब नहीं है। वह हमारे दुख-सुख को भी अपने वीडियो का एक हिस्सा समझती थी। एक बार जब मैं मायके की याद में उदास बैठी थी, तो उसने चुपके से वीडियो बनाकर डाल दिया और कैप्शन लिखा, "जब भाभी को आई घर की याद... इमोशनल मोमेंट। #FamilyLove #MissingHome"। उस दिन मुझे बहुत गुस्सा आया। मैंने उससे साफ़-साफ़ कहा, "रिया, मेरी हर भावना तुम्हारा कॉन्टेंट नहीं है।"

उसने थोड़ी हैरानी से मुझे देखा और बोली, "सॉरी भाभी, मुझे लगा लोग इससे रिलेट करेंगे।" लेकिन उसने वो वीडियो डिलीट कर दिया। उस दिन के बाद से उसने घर के अंदर व्यक्तिगत पलों को शूट करना बंद कर दिया।

मेरी सोच उस दिन पूरी तरह बदल गई, जब पापाजी (मेरे ससुर) की तबीयत अचानक बहुत बिगड़ गई। उन्हें हार्ट अटैक आया था और हमें तुरंत शहर के सबसे अच्छे अस्पताल ले जाना पड़ा। डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन बहुत जटिल है और इसमें लाखों का ख़र्च आएगा। हम सब मध्यम वर्गीय परिवार से थे। एक साथ इतनी बड़ी रक़म का इंतज़ाम करना लगभग नामुमकिन था। घर में तनाव और निराशा का माहौल था। सब एक-दूसरे का चेहरा देख रहे थे, पर किसी के पास कोई रास्ता नहीं था।

तभी रिया, जो अब तक एक कोने में चुपचाप बैठी अपना फ़ोन चला रही थी, हमारे पास आई। उसकी आँखें भी सूजी हुई थीं। उसने काँपती हुई आवाज़ में कहा, "पापा ठीक हो जाएँगे। आप पैसों की चिंता मत कीजिए।"

हम सबने उसे हैरानी से देखा। मेरे पति ने गुस्से से कहा, "यह तुम्हारे वीडियो बनाने का समय नहीं है, रिया! तुम्हें अंदाज़ा भी है हम किस मुसीबत में हैं?"


रिया ने कोई जवाब नहीं दिया। वह बाहर गई और लगभग एक घंटे बाद वापस आई। उसके हाथ में एक चेक था। उसने वह चेक मेरे पति के हाथ में थमा दिया। उस पर पाँच लाख रुपये की रक़म लिखी थी। हम सबकी आँखें फटी की फटी रह गईं।

मेरे पति ने पूछा, "ये... ये पैसे कहाँ से आए?"

रिया ने धीरे से जवाब दिया, "भाई, जिस दुनिया को आप लोग सिर्फ 'दिखावा' समझते हैं, उसने मुझे यह ताक़त दी है। मैंने अपने यूट्यूब और ब्लॉग से इतने पैसे कमाए हैं। यह सब पापा के लिए ही तो है।" उसने आगे बताया कि उसने कुछ ब्रांड्स के साथ कोलैबोरेशन किया था, जिसकी पेमेंट अभी-अभी आई थी।

उस एक पल में, रिया की फ़ोन की स्क्रीन से निकलती रोशनी मुझे सूरज की किरणों से भी ज़्यादा चमकदार लगी। वह लड़की, जिसे हम सब समझते थे कि वह सिर्फ़ एक वर्चुअल दुनिया में जीती है, असल में अपनी मेहनत से हमारे परिवार का सबसे बड़ा सहारा बन गई थी।

ऑपरेशन सफल रहा। जब पापा घर आए, तो उन्होंने सबसे पहले रिया को अपने पास बुलाया। उन्होंने उसके सिर पर हाथ फेरकर कहा, "मेरी बेटी तो मेरा बेटा है। मुझे तुझ पर गर्व है।"

उस दिन के बाद, घर में सब कुछ बदल गया। अब जब रिया अपना कैमरा ऑन करती, तो कोई उसे टोकता नहीं था। बल्कि अब तो सास भी उत्सुकता से पूछतीं, "आज कौन-सा वीडियो बना रही है? मुझे भी दिखाना।"

मैं भी अब खुशी-खुशी उसके वीडियो का हिस्सा बनती हूँ। जब वह कहती है, "गाइज़, ये हैं मेरी सुपर टैलेंटेड भाभी," तो मुझे असहजता नहीं, बल्कि गर्व महसूस होता है। रिया ने हमें सिखाया कि दुनिया बदल रही है और हमें भी अपनी सोच बदलनी होगी।

मेरी ननद सिर्फ़ एक यूट्यूबर नहीं है, वह हमारे घर की वह मज़बूत कड़ी है, जिसने अपनी डिजिटल दुनिया की कमाई से हमारी असल दुनिया को बिखरने से बचा लिया। वह सिर्फ दुनिया के लिए एक इन्फ्लुएंसर नहीं, हमारे परिवार की सच्ची हीरो है।

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